VN20251121_144911
1
0
3 بازدیدها·
21 نوامبر 2025
कदम लड़खड़ाते हैं, हौसले थक जाते हैं,
खुद से बातें करते हुए आँसू भी छुप जाते हैं।
हर राह बेगानी, हर चेहरा पराया लगता है,
निराशा का बोझ कंधों पर साया बनकर रहता है।
بیشتر نشان بده، اطلاعات بیشتر

mai aapko subcribe kar raha hu aap bhi mujhe subscribe karo