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एक बालक अपने पिता के पास आता है ।
और कहता है कि इंसान की कीमत क्या है?
उसकी वैल्यू क्या है ?
उसके पिताजी कहते हैं कि इंसान जिस स्थान पर होता है वहां उसकी कीमत होती हैं ।
इंसान का महत्व होता है ।
व्यक्ति जिस स्थान पर होता है वहीं पर उसका महत्व बढ़ जाता है ।
वह बालक नहीं समझ पाया ।
तभी उसके पिताजी ने उसे अंगूठी दिखाई और कहां की देखो बेटा या अंगूठी है, तुम कहीं पर भी जाओ और अलग-अलग लोगों से पूछना की अंगूठी की कीमत क्या है ?
वह बालक अंगूठी लेकर बाजार में गया ।
वहां पर बाजार में गया तो वहां पर किसी एक साधारण से व्यक्ति से उसने पूछा कि इसकी कीमत क्या है?
उसने बोला कि भाई इसकी कीमत तो कम से कम ₹200 है।
लेकिन उसके बाद फिर और आगे गया , किसी होटल के बाहर एक सूट पहना आदमी खड़ा था । होटल के व्यक्ति से उस बालक ने अंगूठी को दिखाकर पूछा ?
इसकी कीमत क्या है?
उस आदमी ने कहा इसकी कीमत ₹2000 है ।
इसके बाद वह बालक सुनार के पास गया ।उसने सुनार को अंगूठी दिखाई । सुनार को उस अंगूठी में बहुत से अमूल रत्न दिखे और कहा इसकी कीमत 2 लाख है ।
इन सबकी कीमत जानकर वह बालक वापस अपने पिताजी के पास गया । तो उसने कहा कि मैं अलग-अलग व्यक्ति के पास गया और उन्होंने अलग-अलग कीमत बताई । । तो उसके पिताजी ने कहा हां बेटा यह अंगूठी जिसके पास जाती है वहीं पर इसका महत्व बढ़ जाता है ।
इस तरह हम भी कहां हैं? किस स्थान पर है? किसके साथ है ? वही हमारा महत्व बढ़ जाता है।
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