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শ্রীকৃষ্ণ বাণী মানুষের জীবনের পথপ্রদর্শক। তাঁর বচন শিক্ষা দেয় সাহস, ধৈর্য, সততা ও ভক্তি। তিনি বলেন—অতীত নিয়ে দুঃখ কোরো না, ভবিষ্যৎ নিয়ে ভয় কোরো না; বর্তমানেই করণীয় করো। কর্মই তোমার অধিকার, ফল নয়। যে নিজেকে জেতে, সে-ই সত্যিকারের বিজয়ী। রাগ, লোভ ও অহংকার মানুষকে অন্ধ করে, আর নিঃস্বার্থতা মানুষকে ঈশ্বরের কাছে নিয়ে যায়। শ্রীকৃষ্ণের বাণী মনে করিয়ে দেয়—অন্যের হৃদয় না কষ্ট দিয়ে সৎপথে চলাই জীবনের প্রকৃত ধর্ম।
समुद्र मंथन हिन्दू धर्म की एक प्रमुख पौराणिक घटना है, जिसमें देवता और असुरों ने मिलकर अमृत प्राप्त करने हेतु समुद्र का मंथन किया। इस प्रक्रिया में अनेक दिव्य रत्न और जीव उत्पन्न हुए। उन्हीं में से एक था उच्चैःश्रवा, एक अत्यंत तेजस्वी, सात सिरों वाला सफेद घोड़ा, जो सभी घोड़ों में श्रेष्ठ माना गया। इसकी गति बिजली से भी तेज और रूप अद्वितीय था। जैसे ही यह दिव्य अश्व प्रकट हुआ, असुरों का राजा राजा बलि उसकी भव्यता से प्रभावित हो गया और उसे अपने पास रख लिया।
हालाँकि यह घोड़ा देवताओं के योग्य था, परंतु बलि की शक्ति और प्रभाव के कारण देवता कुछ कर नहीं सके। उच्चैःश्रवा शक्ति, ऐश्वर्य और तेज का प्रतीक बन गया। कई कथाओं में यह उल्लेख मिलता है कि बाद में यह घोड़ा इन्द्र का वाहन भी बना। यह कथा समुद्र मंथन से निकले चमत्कारी तत्वों और देव-असुर संघर्ष का प्रतीक है।





