السراويل القصيرة خلق
अगर एक दिन के लिए सूरज ना निकले तो पृथ्वी एक गहरी, अजनबी अंधेरी चुप्पी में डूब जाएगी। वह रोशनी, जो हर सुबह हमारे आसमान को जगाती है, अचानक गायब हो जाएगी और दिन-रात का फर्क मिट जाएगा। आकाश स्याही जैसा काला हो उठेगा, जैसे किसी ने पूरा ब्रह्मांड एक ही रंग में रंग दिया हो।
कुछ ही समय में तापमान तेज़ी से गिरने लगेगा। हवा की ठंड काटने वाली बन जाएगी, समुद्र धीरे-धीरे जमने लगेंगे, और धरती पर जीवन अपने खोल में सिमटने लगेगा। पौधे रोशनी की कमी से थक कर झुक जाएँगे, पक्षियों की उड़ानें रुक जाएँगी, और शहरों की आवाजें धीमे-धीमे फुसफुसाहट में बदल जाएँगी।
मानव सभ्यता बिजली के कृत्रिम सूरजों के सहारे टिकने की कोशिश करेगी, लेकिन प्रकृति की धड़कन धीमी होती जाएगी। पृथ्वी एक लंबी, अंतहीन रात में बदल जाएगी, जहाँ हर सांस समय से लड़ती हुई महसूस होगी।
यह वह दुनिया होगी जहाँ अंधेरा राजा होगा और रोशनी एक पुरानी याद। 🌑✨
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