شارٹس بنانا
“अक्कलकोट के महाराज स्वामी समर्थ, दत्तत्रेय भगवान के अवतार माने जाते हैं। उनका व्यक्तित्व अत्यंत दिव्य, शांत और करुणा से भरा हुआ था। स्वामीजी अपने भक्तों के दुख दूर करने और उनके जीवन को सही दिशा देने के लिए प्रसिद्ध हैं। ‘भक्तांनो, भिऊ नका… मी तुजा पाठीशी आहे!’ जैसे उपदेशों से उन्होंने अनगिनत लोगों को आश्वासन दिया।
स्वामी समर्थ की कृपा जिसे मिल जाती है, उसका जीवन आनंद से भर जाता है। उनकी वाणी, उनका आशीर्वाद, और उनकी अद्भुत चमत्कारी शक्तियाँ आज भी भक्तों के जीवन में प्रकाश और शक्ति का संचार करती हैं।”
শ্রীকৃষ্ণ বাণী মানুষের জীবনের পথপ্রদর্শক। তাঁর বচন শিক্ষা দেয় সাহস, ধৈর্য, সততা ও ভক্তি। তিনি বলেন—অতীত নিয়ে দুঃখ কোরো না, ভবিষ্যৎ নিয়ে ভয় কোরো না; বর্তমানেই করণীয় করো। কর্মই তোমার অধিকার, ফল নয়। যে নিজেকে জেতে, সে-ই সত্যিকারের বিজয়ী। রাগ, লোভ ও অহংকার মানুষকে অন্ধ করে, আর নিঃস্বার্থতা মানুষকে ঈশ্বরের কাছে নিয়ে যায়। শ্রীকৃষ্ণের বাণী মনে করিয়ে দেয়—অন্যের হৃদয় না কষ্ট দিয়ে সৎপথে চলাই জীবনের প্রকৃত ধর্ম।




