यारों बिना चांद के रात नहीं होती है उज
यारों बिना चांद के रात नहीं होती है उजाली, महबूब अगर साथ है तो हर रात है दिवाली। अगर तू नहीं है साथ तो ये जिंदगी है काली, तेरे बिना ये जिंदगी अब जाए ना संभाली।
तिसनगी क्या होती है हम जमाने को बताएंगे, इस मोहब्बत में फ़ना हम खुद को करके दिखाएंगे। एक जुनून की हद तक हमने ये उल्फत दिल में पाली, तेरे बिना ये जिंदगी अब जाए ना संभाली। यारों बिना चांद के रात नहीं होती है उजाली, महबूब अगर साथ है तो हर रात है दिवाली।
अपने इस नादां दिल को बस तेरा ही गुमां है, अब तो तू ही हबीब है मेरा और तू ही रहनुमा है। यारा तेरे ही हाथों में अब मेरे दिल की है बहाली, तेरे बिना ये जिंदगी अब जाए ना संभाली। यारों बिना चांद के रात नहीं होती है उजाली, महबूब अगर साथ है तो हर रात है दिवाली।
उस रब को भूल गया मैं बस तेरा नाम लेता हूं, अब तो तू ही मेरा खुदा है तेरी भक्ति में रहता हूं। यारा खोल दे तू ताला किस्मत का ए मेरे दिल की ताली, तेरे बिना ये जिंदगी अब जाए ना संभाली। यारों बिना चांद के रात नहीं होती है उजाली, महबूब अगर साथ है तो हर रात है दिवाली।
Lyrics Alok Kumar Sharma.