आ जा ओ लौट के फिर से ll Lyrics Alok Kumar Sharma ll aa ja o laut ke fir se
आ जा ओ लौट के फिर से, हम तुम बिन अधूरे हैं,
मेरे इस दिल के दरवाजे ये, सदा तेरे लिए खुले हैं।
इस प्यार से हर कोई जग में, उस रब को छू ले है,
मोहब्बत में इतना दम होता है, इंसान फले फूले है।।
वो बचपन की गलियां, यारों वो फूल और कलियां,
बागों में घूमती हुई प्यारी, वो अल्हड़ सी तितलियां।
ना तेरा कुए जाना भूले हैं, ना तेरा खेत घुमाना भूले है,
मेरी उन यादों में शुमार, अभी भी सावन के झूले हैं।।
वो शामों का धुंधलाना, वो चाँदनी रातों में जगाना,
तेरे संग बीता वो हर पल, आज भी सपनों में आना।
तेरे कानों में ये बाली और बिंदिया माथे पर सजे है,
तेरी पायल की झंकार, आज भी इन कानों में गूँजे है।।
हवा के झोंके का आना है, तुझको सीने से लगाना है,
जैसे गुलशन के फूलों का, फिजा को खुशबू से महकाना है। तुम इस दिल में बसे हो, ए मेरे यारा इस तरह से, तेरा हंसता सा वो चेहरा, हम आज भी नहीं भूले हैं।।
Lyrics Alok Kumar Sharma.
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